Shahi Idgah Masjid Survey को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दिया है एक बड़ा फैसला जिसमें श्री कृष्ण जन्मभूमि मंदिर के बगल में सटे हुए शाही ईदगाह परिसर में ASI Survey करने के लिए मंजूरी उपलब्ध करा दि गयी है।
Shahi Idgah Masjid ASI Survey
हाई कोर्ट का यह सबसे बड़ा फैसला आया है कि मथुरा शाही ईदगाह मस्जिद परिसर का ASI Survey होगा। क्योकि हिंदू पक्ष यह मांग कर रहा था कि उस जगह का ASI Survey कराया जाए क्योंकि वहां पर हिंदू धर्म के देवी देवताओं के चिन्ह मौजूद है। इसलिए हिंदू पक्ष की याचिका स्वीकार कर ली गयी है।
अगर हम थोड़ा विस्तार से समझते हैं कि ASI क्या है ? पूरे विवाद का इतिहास क्या है कब से जांच शुरू की जाएगी कितने लोगों के द्वारा जांच की जाएगी और कितने दिन तक इसकी जांच चलने वाली है इन सभी बातो के जवाब आपको आज जानने को मिलेंगे।
ASI क्या है ?
जिन्हें नहीं पता कि ASI क्या होता है। उन्हें बता दे कि ASI (Archaeological Survey of India) एक संस्था है जिसका कार्य है कि वह पुरानी ऐतिहासिक धरोहर या फिर जो इमारत होती है उसका संरक्षण करे।
मतलब अगर आसान भाषा में समझाया जाए तो जो पुरानी इमारतें है, जिसे (historical place) भी कह सकते हैं। उनकी जांच पड़ताल करना, उनका मेंटेनेंस देखना यह सारे काम की जिम्मेदारी ASI की होती है। अयोध्या में जब मंदिर और मस्जिद के बीच में गंभीर हालत पैदा हुए थे तब भी ASI Team का ही सहारा लिया गया था।
शाही ईदगाह का इतिहास क्या है ?
मथुरा श्री कृष्णा जन्भूमि और शाही ईदगाह केस का इतिहास यह है कि सन 1669 और 1670 के दशक में ओरंगजेब यहां पर खड़ा था और यह आदेश दिया था कि यहां पर जितने भी छोटी भगवान की मूर्तियां है। उन्हें मस्जिद की सीडीओ के नीचे दबा दी जाये। ऐसा इसलिए कि जब भी मुस्लिम नवाज पढ़ने जाए तो उनके ऊपर से चल के जाएं।
सबसे पहले 1770 में बैटल-आफ-गोवर्धन के दौरान मराठाओं ने इस जगह पर उपलब्धि पाई थी और 1815 में ब्रिटिश सरकार ने पूरी जमीन को राजा पत्नी-माल को बेच दिया था।
इसके बाद राजा पत्नी-माल की जो वारीस थे, उन्होंने पूरी जमीन को पंडित मोहन मदनलाल को दे दी थी। इस उम्मीद से कि यहां पर भव्य मंदिर का निर्माण होगा। लेकिन 12 अक्टूबर 1968 में एक गलत समझौते के बाद यहां पर मस्जिद शामिल कर दी गई।
हिंदू पक्ष का क्या कहना है
हिंदू पक्ष का यह कहना है कि यह जगह श्री कृष्ण के जन्म भूमि से जुड़ी हुई है। क्योंकि यहां पर स्तम्ब की सतह पर कमल का निशान है, वहां पर शेषनाग की आकृति भी है, वहां पर हिंदू धर्म से जुड़े और भी चिन्ह है जो सीधे तौर पर यह दिखाते हैं कि यह जो जगह है यह श्री कृष्ण जन्मभूमि है। और यहां पर श्री कृष्ण मंदिर का निर्माण होना चाहिए।
इसीलिए अब ASI team जाकर जाँच पड़ताल करेगी कि वहां पर किस प्रकार के कौन-कौन से चिन्ह उपलब्ध है और उसके बाद ही पता चलेगा कि शाही ईदगाह मस्जिद पर क्या फैसला लेना है।
सर्वे कब से शुरू होगा ?
ASI Survey कब से शुरू होगा इसका फैसला 18 दिसंबर 2023 को तय किया जायेगा की एडवोकेट कमिशन में कौन-कौन जाएगा, कितने दिन तक सर्वे चलेगा, कितने लोग उस एडवोकेट कमीशन में शामिल होंगे। ये सारी बातें 18 दिसंबर 2023 को होगी।