अटल पुल को इतना ज्यादा मजबूत बनाया गया है कि चाहे जितनी तेज चले इस पर कोई भी असर नहीं होगा। इसी के साथ भूकंप, उच्च ज्वार जैसी आपदाओं में भी यह पुल खड़ा रहेगा।

खराब मौसम के दौरान पुल पर बिजली न पड़े तो उसके लिए लाइटनिंग पुल डिजाइन किए गए हैं जिससे बिजली गिरने पर पुल को कोई भी नुकसान न हो।

अटल पुल को बनाने के लिए करीब 177903 मी टन स्टील और उसके साथ 504253 मी टन सीमेंट का प्रयोग किया गया है।

ऐसा भी कहा जा रहा है कि इसमें इस्तेमाल की जाने वाली कंक्रीट अमेरिका में स्थित स्टेचू ऑफ़ लिबर्टी को बनाने में इस्तेमाल की गई कंक्रीट से भी ज्यादा मजबूत है।

सबसे खास बात पुल की यह है कि इस पुल की लंबाई 21.8 किलोमीटर है और पूरे पुल पर सुरक्षा के लिए 190 सीसीटीवी कैमरा लगाए गए हैं। जिससे किसी भी घटना का होने पर पता चल जायेगा।

पूरे पुल का निर्माण करने में लगभग 18000 करोड़ की लागत लगी है.

रोजाना अटल पुल पर लगभग 70,000 वाहन चलते हुए दिखाई देंगे जिसमें वाहनों की अधिकतर गति 100 किलोमीटर प्रति घंटा तक कि जा सकती है।

अटल पुल बनने के बाद केवल 20 मिनट में मुंबई से नवी मुंबई की दूरी पूरी कर पाएंगे जिसको करने में लगभग 2 घंटे का समय लगता था।

पुल को  बनाने में 5000 से ज्यादा मजदूर और इंजीनियर रोजाना काम करते थे।

अटल ब्रिज की पुरी लंबाई 21.8 किलोमीटर है जिसमें से 16.5 किलोमीटर का हिस्सा समुद्र के ऊपर निर्माण किया गया है और बाकी 5.5 किलोमीटर का हिस्सा जमीन के ऊपर बनाया गया है।